स्टॉक मार्केट को सीखने पूरी जानकारी आपको इस वेबसाइट के ट्रेडिंग केटेगरी में मिल जाएगी ।
अगर आप स्टॉक मार्केट से पैसे कमाने चाहते हैं तो इसके दो तरीके हो सकते हैं पहले तो आप इन्वेस्टमेंट करेंगे या फिर आप ट्रेंडिंग करेंगे। अगर आप google में सर्च करेंगे की स्टॉक मार्केट से पैसे कैसे कमाए तो आपको कई ब्लॉग या फिर वीडियो मिल जायेंगी लेकिन मैं वादा करता हूँ की ये ब्लॉग पढ़ने के बाद आपकी ट्रेंड्स तथा कैंडलस्टि्क्स के बारे में सारी confusion दूर हो जाएगी ।
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इन्वेस्टमेंट
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ट्रेडिंग
स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट का क्या अर्थ है?
इन्वेस्टमेंट का अर्थ है कि आप कोई एक अच्छा स्टॉक को चुनेंगे और एक लंबे समय के लिए होल्ड रखेंगे। इन्वेस्टमेंट के लिए कंपनी की फंडामेंटल स्थिति को देखना चाहिए आपको यह देखना है कि कंपनी जो भी प्रोडक्ट्स या सर्विसेज उपलब्ध करा रहे हैं वह लंबे समय के लिए चल सकती है या नहीं,और उसके बारे में आपको कुछ-कुछ दिनों में देखते रहना होता है कि कहीं कंपनी का प्रोडक्ट्स या सर्विसेज बिकना काम तो नहीं हो गया या फिर कंपनी के ऊपर कुछ इलीगल केस चल रहे हो जो कंपनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं ऐसी चीजों को देखते रहना पड़ेगा। तभी आप स्टॉक मार्केट में सफल हो सकेंगे ।
इसमें आपको ज्यादा कुछ देखने की आवश्यकता नहीं है । इसमें आपको कंपनी के बारे में रिसर्च करना होता है और जितनी ज्यादा रिसर्च करेंगे उतने ही आप प्रॉफिट में रहेंगे क्योंकि आपको पता होगा कि अब इसमें क्या होने वाला है तो जब तक आप रिसर्च नहीं करते आप इस इन्वेस्टमेंट से पैसा नहीं कमा सकते।
ट्रेडिंग क्या है।
स्टॉक मार्केट की दुनियाँ में ट्रेडिंग इन्वेस्टमेंट से बिल्कुल ही अलग है क्योंकि इसमें आप टेक्निकल एनालिसिस करते हैं इसका अर्थ है कि आप कंपनी के ग्राफ्स को देखकर उनके कैंडल स्टिकस को देखकर यह अंदाजा लगाते हैं कि अभी ग्राफ ऊपर जाएगा या नीचे जाएगा तो आप इसमें कुछ दिनों के लिए या कुछ ही समय के लिए ही पैसा लगाते हैं।
ट्रेडिंग से किस प्रकार से पैसे कमा सकते है?
ट्रेडिंग में आप बहुत ही कम समय में बहुत ज्यादा पैसा कमा सकते हैं , लेकिन लोग गलती यहीं कर जाते हैं कि वह कही से सुनते हैं कि इसमें बहुत ज्यादा पैसा है तो वह बिना सीखे ही इसमें आ जाते हैं। सबको पैसे कमाने की बहुत ही जल्दी है इसलिए वह गलती कर बैठते हैं। लेकिन इसमें बिना सीखे आना एक बेवकूफी का काम होगा क्योंकि आप बिना सीखे इन्वेस्टमेंट करके अच्छे पैसे कमा सकते हो लेकिन बिना सीखे ट्रेडिंग करके आप अच्छे पैसे नहीं बना सकते आपको लॉस हीं होगा।
तो सबसे बेहतर यह होगा कि आप पहले इसके बारे में सीखें तो हम यहां यही बताएंगे कि आप कैसे ट्रेडिंग को सीख सकते हैं और अपने इस जर्नी की शुरुआत कैसे कर सकते हैं।
ट्रेडिंग सीखने के कुछ तरीके हैं तो इसमें से एक तरीका है कि आप मार्केट के ट्रेंड को पहचाने अब ट्रेंड भी तीन प्रकार के होते हैं।
1) Up trend
2) Down trend
3) Side ways trend
Uptrend क्या है?
पहले इसको समझते हैं, अप ट्रेंड वह है जिससे हमें देखकर यह पता चलता है की मार्केट अभी ऊपर की ओर जा रही है और लगातार बढ़ रही है तो हम यह समझेंगे की मार्केट अभी आप ट्रेंड में है।
Downtrend क्या है?
जिस प्रकार आप ट्रेड मार्केट के ऊपर जाने की और इशारा करता है तो डॉन ट्रेंड भी बिल्कुल ही इस तरह है इसे देखकर यह पता चलता है कि मार्केट अभी लगातार नीचे की ओर जा रही है तो इसे डाउन ट्रेंड कहते हैं
एक ऐसा ट्रेंड जो किसी दो रेखा के बीच में ही रह रहा है और इसी में फंसा हुआ है और अपने ही जोन में घूम रहा है, जिसे देखकर यह पता नहीं लगता कि मार्केट ऊपर जाने वाला है या नीचे जाने वाला है तो इस Sideways trend कहते हैं
एक ट्रेंड को सबसे ज्यादा नुकसान Sideways trend में होता है क्योंकि जब मार्केट इसी तरह के ट्रेंड्स में फंस जाता है तो यहां पर आपके ऑप्शंस की वैल्यू कम हो जाती है अब वह कम क्यों हो जाती है वह हम आगे विस्तार से देखेंगे ।
चार्ट को कैसे देखते हैं ?
चार्ट को देखने के कुछ तरीके बता रहा हूं , जिससे कि आप अभी शुरुआत में इसे आसानी से समझ सकें अभी हम बिलकुल आसान भाषा में समझेंगे बाद में इसे एडवांस तक ले लड़की जाएँगे।
तो हम पहले अप ट्रेंड की इमेज देखते हैं और इसमें देखते हैं कि जब मार्केट में एक हाईएस्ट प्वाइंट को ऊपर टच किया है, जिस हायर पॉइंट को हायर हाई कहते हैं और इस प्रकार जिस लोअर पॉइंट को नीचे टच करता है उसे हायर लो कहते हैं।
लेकिन जब हम डाउन ट्रेड की इमेज को देखते हैं तो उसका जो नीचे का पार्ट टच होता है उसे लोअर लो कहते हैं। लेकिन जब वह ऊपर टच होता है, तो उसे लोअर हाई कहते हैं।
कैंडलस्टि्क्स क्या है
अब इसमें दूसरा तरीका आता है जो की कैंडलेस्टि्क्स को समझना है तो हम इसमें कैंडलस्टि्क्स को समझने का प्रयास करेंगे। कैंडलस्टि्क्स स्टॉक मार्केट की जड़ है तो हम कैंडल को समझते हैं इसके बाद हम इसके पैटर्न को समझेंगे। तो कैंडल्स दो प्रकार के होते हैं पहले ग्रीन कैंडल और दूसरा रेड कैंडल तो इसके दो भाग होते हैं पहला Body और दूसरा wick जिसे हम परछाई भी कहते हैं जैसा कि आप नीचे के फोटो में अच्छी तरह से समझ सकते हैं कि किसको बॉडी कहते हैं और किसको परछाई कहते हैं। अब हम यह समझते हैं कि इसका क्या अर्थ है।
तो जो ग्रीन कलर का कैंडल है वह मैं यह बताता है कि स्टॉक मार्केट का प्राइस अभी ऊपर जा रहा है यानी यह एक बुलिस कैंडलस्टि्क्स है और जो रेड कैंडल है वह ये बताता है कि प्राइस अभी नीचे जा रहा है तो या बीयरिस कैंडलस्टि्क्स है।बुल का अर्थ है ऊपर और बीयर का अर्थ है नीचे।
यह कैंडलस्टि्क्स हर टाइम फ्रेम के लिए अलग–अलग होते हैं। यदि हम 1 मिनट का टाइम फ्रेम लेते हैं तो एक मिनट में केवल एक कैंडलस्टि्क्स बनता है और यही यदि हम 5 मिनट का टाइम फ्रेम लेते हैं तो 5 मिनट का पूरा एक कैंडलस्टि्क्स बनता है जो यह बताता है कि वह उसका प्राइस कहां से खुला था और कहां पर बंद हुआ और फिर अगला कैंडल अगले टाइम प्रेम को बताता है ।
जैसे कि आप कैंडल स्टिक में देख सकते हैं कि ग्रीन कैंडल के नीचे ओपन हुआ है और क्लोज ऊपर हुआ है यानी की प्राइस नीचे से ऊपर गया है और वहीं रेड कैंडल में ओपन ऊपर होता है और क्लोज नीचे होता है यानी की प्राइस ऊपर से नीचे गया है और इसके शैडो पार्ट यह बताते हैं कि हाईएस्ट कहां तक गया है और लो कहां तक आया है।
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